The Fact About kismat ka upay That No One Is Suggesting
The Fact About kismat ka upay That No One Is Suggesting
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पत्नी सुख दुख का साथी होती है और बच्चे प्रेम का प्रतीक माने जाते हैं ऐसे में यदि आप अपनी किस्मत को चमकाने के उपाय कर रहे हैं तो अपनी पत्नी और बच्चों को कभी भी दुख ना दें। परिवार जितना खुशहाल रहेगा आपकी किस्मत इतनी ही अच्छी रहेगी यदि आप अपने बच्चों को दुख देते हैं तो आपके तरक्की के रास्ते भी बाधित होते हैं इसलिए ध्यान रहे कि अपनी किस्मत को चमकाने के लिए सदैव पति पत्नी और बच्चों को खुश रखें।
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यदि आपका किसी के साथ मुकदमा चल रहा हो और आप उसमें विजय पाना चाहते हैं तो थोडे से चावल लेकर कोर्ट/कचहरी में जांय और उन चावलों को कचहरी में कहीं पर फेंक दें ! जिस कमरे में आपका मुकदमा चल रहा हो उसके बाहर फेंकें तो ज्यादा अच्छा है !
लाल किताब के उपाय कब करना चाहिए और क्यों, जानिए
लोग लोग अपने कर्म से ज्यादा भाग्य पर भरोसा करते हैं। हाथों में भाग्य रेखाएं होती हैं, उसी तरह कुंडली में नौवां स्थान भाग्य का माना गया है। हालांकि कर्म और भाग्य दोनों ही एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। कर्म के सिद्धांत को समझे बगैर आप भाग्य को नहीं समझ सकते हैं। यदि किसी से यह कहा जाए कि भाग्य जैसा कुछ नहीं होता तो वह ऐसे कई उदाहरण बता देगा जिसमें भाग्य का रोल रहा है, जैसे किसी की लॉटरी खुल जाना, अचानक click here किसी का मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री बन जाना, आसमान से गिरने के बाद में भी सही-सलामत बच जाना आदि। खैर...
ऐसा कई बार होता है कि आपके सामने कम कार्यक्षमता और बुद्धि के बाद भी वह सब कुछ पा लेता है, जो आप जी जान लगा कर भी नहीं पा पाते। आपके पास आपकी काबलियत होते हुए भी आपको वह सब नहीं मिल पाता जो कम काबलियत वालों को मिलता है। इसके पीछे वजह किस्मत का सुस्त होना या सोए रहना होता है। कई लोगों की किस्मत उन पर मेहरबान होती है और कुछ को अपनी किस्मत को जगाना पड़ता है। यदि आपके साथ भी ऐसी ही समस्या आ रही तो आपको अपनी किस्मत को जगाना होगा। लाल किताब के कुछ उपाय ऐसे हैं जो आसानी से किए जा सकते हैं। इससे आपकी किस्मत भी दूसरों की तरह आपका साथ देने लगेगी।
स्वाइन फ्लू के उपचार
दान करने से घर में कभी खाने-पीने की कमी नहीं होती है. अतः हर शुक्रवार जरूरतमंदों को चावल दान करें. साथ ही मां लक्ष्मी की पूजा करें.
२. इतवार या गुरूवार को चीनी, दूध, चावल और पेठा (कद्दू-पेठा, सब्जी बनाने वाला) अपनी इच्छा अनुसार लें और उसको रोगी के सिर पर से वार कर किसी भी धार्मिक स्थान पर, जहां पर लंगर बनता हो, दान कर दें !
शुक्ल पक्ष के गुरूवार से शुरू करके विष्णु और लक्ष्मी मां की मूर्ती या फोटो के आगे “ऊं लक्ष्मी नारायणाय नमः” मंत्र का रोज़ तीन माला जाप स्फटिक माला पर करें !
कवि की करुण पुकार – आचार्य डॉ अजय दीक्षित “अजय”